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Saturday, 27 July 2013

पति पर बेवफाई के झूठे आरोप क्रूरता हैं, पति तलाक मांगने का हकदार: हाईकोर्ट

पति पर बेवफाई के झूठे आरोप क्रूरता हैं, पति तलाक मांगने का हकदार: हाईकोर्ट 

यदि कोई महिला अपने पति पर झूठा आरोप लगाती है कि विवाह के बाद भी उसके किसी पराई औरत के साथ संबंध हैं तो पति इन आरोपों के आधार पर तलाक की मांग कर सकता है. यही नहीं, इस तरह के आरोप मानसिक क्रूरता कहलाएंगे. बंबई हाई कोर्ट ने एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए ऐसा कहा है.
बंबई हाईकोर्ट ने अदालत की कार्यवाही के दौरान पत्नी द्वारा अपने पति पर विवाहोत्तर संबंधों के बेबुनियाद आरोप लगाने को क्रूरता करार देते हुए पति को इस आधार पर तलाक की मंज़ूरी दे दी.
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अदालत ने पुणे की एक अदालत के फैसले को खारिज करते हुए यह आदेश दिया. निचली अदालत ने 11 जुलाई को क्रूरता के आधार पर दायर एक व्यक्ति की तलाक की याचिका खारिज कर दी थी.
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न्यायमूर्ति जी एस पटेल और न्यायमूर्ति ओ एस ओका ने महेश और मोहिनी पैगुडे के बीच तलाक को मंजूरी दे दी. दोनों का विवाह 13 मार्च 2001 को हुआ था. महेश ने पुणे परिवार अदालत में याचिका दायर करके क्रूरता के आधार पर तलाक की मांग की थी. उसने कहा था कि उसकी पत्नी ने उस पर विवाहेतर संबंधों के बेबुनियाद आरोप लगाए.
उच्च न्यायालय ने कहा कि इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप मानसिक क्रूरता के बराबर है.
अदालत ने कहा, ‘इसलिए हमें इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि लिखित बयान के पैरा छह में पत्नी की ओर से पति पर लगाए गए बेबुनियाद आरोप याचिकाकर्ता के चरित्र और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाते हैं और यह मानसिक क्रूरता के बराबर है, जिसके कारण याचिकाकर्ता तलाक के आदेश की मांग करने का हकदार है.'

http://aajtak.intoday.in/story/false-allegations-of-infidelity-are-cruelty-says-high-court-1-737339.html

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