जज साहब, मुझे बीवी से बचाओ
नई दिल्ली, पवन कुमार। जज साहब, जब से शादी हुई है सकून की जिंदगी नसीब नहीं हुई। विवाह के बाद से ही पत्नी व ससुराल वालों द्वारा मारपीट व व गाली-गलौज की जा रही है। जिससे मेरी जिंदगी नरक बन गई है। पत्नी के व्यवहार में बदलाव की उम्मीद करते-करते 23 साल बीत गए, मगर अब मुझसे सहा नहीं जाता। मुझे पत्नी से तलाक दिलवाया जाए। यह मजमून है एक 50 वर्षीय अधेड़ व्यक्ति द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दायर याचिका का। व्यक्ति ने क्रूरता के आधार पर अपनी पत्नी से विवाह के 23 साल बाद तलाक की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित एक स्कूल में अध्यापक 50 वर्षीय राजेंद्र (परिवर्तित नाम) ने अपनी 47 वर्षीय पत्नी कांता (परिवर्तित नाम) से तलाक की मांग करते हुए अपने अधिवक्ता एनके सिंह भदौरिया व मनीष भदौरिया के माध्यम से पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसकी शादी कांता से 13 दिसंबर, 1990 को दिल्ली में तालकटोरा क्षेत्र में हुई थी। उसके ससुर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और साला मेजर है। विवाह के बाद उनके एक बेटा और दो बेटी हुईं। विवाह के बाद से ही उसकी वैवाहिक जिंदगी में उसके ससुराल वालों का दखल शुरू हो गया। जिससे उसकी पत्नी का उसके प्रति व्यवहार क्रूर होता चला गया। उसकी पत्नी ने 23 सालों में करीब आधा दर्जन बार घर से निकलने को मजबूर किया। राजेंद्र ने बताया कि उसकी पत्नी उसे दिन-रात गालियां देती है। बिना गालियों के उसकी बातचीत ही शुरू नहीं होती। अक्सर उसके साथ मारपीट भी की जाती है। वह विरोध करता है तो उस पर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी जाती है। वह अपनी पत्नी के इस व्यवहार से तंग आ चुका है। कांता अपने सास-ससुर से मिलने भी नहीं जाती और न ही बच्चों को वहां पर भेजती है। पत्नी के व्यवहार से तंग आकर वह पिछले 15 महीनों से बुलंदशहर में अलग रह रहा है। इस दौरान पत्नी ने उसे बच्चों से भी मिलने नहीं दिया। अब वह अपनी पत्नी के साथ विवाह के कानूनी बंधन में बंधकर नहीं रह सकता। लिहाजा, उसे पत्नी से तलाक दिलाया जाए।
http://www.jagran.com/news/national-please-save-me-from-my-wife-10541189.html
नई दिल्ली, पवन कुमार। जज साहब, जब से शादी हुई है सकून की जिंदगी नसीब नहीं हुई। विवाह के बाद से ही पत्नी व ससुराल वालों द्वारा मारपीट व व गाली-गलौज की जा रही है। जिससे मेरी जिंदगी नरक बन गई है। पत्नी के व्यवहार में बदलाव की उम्मीद करते-करते 23 साल बीत गए, मगर अब मुझसे सहा नहीं जाता। मुझे पत्नी से तलाक दिलवाया जाए। यह मजमून है एक 50 वर्षीय अधेड़ व्यक्ति द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दायर याचिका का। व्यक्ति ने क्रूरता के आधार पर अपनी पत्नी से विवाह के 23 साल बाद तलाक की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित एक स्कूल में अध्यापक 50 वर्षीय राजेंद्र (परिवर्तित नाम) ने अपनी 47 वर्षीय पत्नी कांता (परिवर्तित नाम) से तलाक की मांग करते हुए अपने अधिवक्ता एनके सिंह भदौरिया व मनीष भदौरिया के माध्यम से पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसकी शादी कांता से 13 दिसंबर, 1990 को दिल्ली में तालकटोरा क्षेत्र में हुई थी। उसके ससुर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और साला मेजर है। विवाह के बाद उनके एक बेटा और दो बेटी हुईं। विवाह के बाद से ही उसकी वैवाहिक जिंदगी में उसके ससुराल वालों का दखल शुरू हो गया। जिससे उसकी पत्नी का उसके प्रति व्यवहार क्रूर होता चला गया। उसकी पत्नी ने 23 सालों में करीब आधा दर्जन बार घर से निकलने को मजबूर किया। राजेंद्र ने बताया कि उसकी पत्नी उसे दिन-रात गालियां देती है। बिना गालियों के उसकी बातचीत ही शुरू नहीं होती। अक्सर उसके साथ मारपीट भी की जाती है। वह विरोध करता है तो उस पर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी जाती है। वह अपनी पत्नी के इस व्यवहार से तंग आ चुका है। कांता अपने सास-ससुर से मिलने भी नहीं जाती और न ही बच्चों को वहां पर भेजती है। पत्नी के व्यवहार से तंग आकर वह पिछले 15 महीनों से बुलंदशहर में अलग रह रहा है। इस दौरान पत्नी ने उसे बच्चों से भी मिलने नहीं दिया। अब वह अपनी पत्नी के साथ विवाह के कानूनी बंधन में बंधकर नहीं रह सकता। लिहाजा, उसे पत्नी से तलाक दिलाया जाए।
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