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Wednesday, 3 July 2013

शादीशुदा मर्दों को विचलित कर सकती है ये खबर

शादीशुदा मर्दों को विचलित कर सकती है ये खबर

आमतौर पर ये माना जाता है कि शादी के बाद जिंदगी खुशहाल हो जाती है और जिंदगी में नए बदलाव आते हैं।

लेकिन एक सर्वें में ठीक इसके विपरीत परिणाम निकले हैं। हाल ही में हुए सर्वें में ये बात सामने आई है कि जिंदगी को अलविदा कहने में कुंवारे पुरूषों से आगे हैं शादीशुदा मर्द।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2012 में आत्महत्या के सरकारी आंकड़ों पर वैवाहिक स्थिति के हिसाब से नजर डाली जाए तो पता चलता है कि पिछले साल अपनी जीवन लीला का खुद अंत करने वालों में 70.3 फीसदी विवाहित पुरुष थे।

जबकि 22.6 प्रतिशत शादी के बंधन में कभी नहीं बंधे थे। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 में देश में आत्महत्या के कुल 1,35,445 मामले दर्ज किए गए थे।

पिछले साल 63,343 शादीशुदा पुरुषों ने जान दी, जबकि 31,921 विवाहिताओं ने आत्महत्या का कदम उठाया।

उधर, साल 2012 में खुदकुशी करने वाले कुंवारे पुरुषों की संख्या 19,727 थी। वहीं शादी के बंधन में नहीं बंधने वाली 10,830 महिलाओं ने मौत को गले लगाया।

पिछले साल आत्महत्या का कदम उठाने वाले लोगों में 3.7 प्रतिशत विधुर या विधवा के दर्जे वाले थे। खुदकुशी करने वालों में 3.5 प्रतिशत लोग या तो तलाकशुदा थे या किसी वजह से अपने जीवनसाथी से अलग रह रहे थे।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल खुदकुशी के मामलों में पुरुष-स्त्री अनुपात 65-35 रहा यानी जान देने वाले हर सौ लोगों में 65 पुरुष और 35 महिलाएं थीं।

यह आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2012 में आत्महत्या करने वाले हर छह लोगों में से एक गृहिणी थी।

एनसीआरबी की रिपोर्ट खुदकुशी का कदम उठाने वाले भारतीयों के मनोविज्ञान पर रोशनी भी डालती है।

रिपोर्ट बताती है कि यह देखा गया कि पिछले साल ज्यादातर पुरुषों ने सामाजिक और आर्थिक कारणों से आत्महत्या की, जबकि अधिकतर महिलाओं ने भावनात्मक और निजी वजहों के चलते खुद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।


http://www.amarujala.com/news/18-1/survey/more-married-people-commit-suicide-than-unmarried/ 

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