टीकमगढ़। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले
की एक अदालत ने थाने में सामूहिक बलात्कार की झूठी शिकायत करने के आरोप
में दोषी पाए जाने पर आरोपी महिला को दस साल की सजा सुनाई है। अपर सत्र
न्यायाधीश उपेन्द्र सिंह ने जिले के जतारा थाना क्षेत्र निवासी आरोपी महिला
सावित्री को इस मामले मे दोषी पाए जाने पर यह सजा सुनाई।
अभियोजन
के अनुसार आरोपी सावित्री ने 28 मार्च 1998 को जिले के जतारा थाने में
अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले
में आरोपी छिंगा, मुश्ताक अली, सुरेश लोहार और बबलू अहिरवार को गिरफतार कर
कोर्ट में पेश किया। 22 अप्रैल 1999 को तत्कालीन न्यायाधीश एस सी सिन्हा ने
आरोपी बबलू को सजा सुनाई थी और साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपी छिंगा,
मुश्ताक और सुरेश को बरी कर दिया था।
इसके
बाद अपील की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महिला सावित्री द्वारा सामूहिक
बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने और गवाही के दौरान अपने बयान से मुकर
जाने के कारण विशेष न्यायाधीश के निर्देश पर 1999 में मामला दर्ज किया गया
था। इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने फैसले में आरोपी
सावित्री को दोषी पाते हुए दस साल के कारावास की सजा सुनाई।
http://khabar.ibnlive.in.com/news/100111/3
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