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Tuesday 10 September 2013

पत्‍नी के रहते हुए दूसरी महिला से अफेयर क्रूरता नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई पति किसी अन्‍य महिला के नजदीक जाता है तो उसे अपनी पत्‍नी पर क्रूरता का कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता. कोर्ट का कहना है कि ऐसा मामला तब तक क्रूरता के दायरे में नहीं आएगा जब तक कि पति की नजदीकी अन्य महिला के साथ इतनी न हो जाए कि उसकी पत्नी आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाए.
जस्टिस केएस राधाकृष्‍णन की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने कहा, 'हमारा ऐसा मानना है कि शादीशुदा रिश्ते के कायम रहने के दौरान अगर पति किसी और के नजदीक आ जाता है और वह अपनी वैवाहिक जिम्मेदारियां नहीं निभाता है तो भी यह पत्नी के साथ क्रूरता नहीं है.'
उन्‍होंने कहा, 'लेकिन अगर दूसरी महिला से पति की नजदीकी इस कदर हो कि पत्‍नी आत्‍महत्‍या करने पर मजबूर हो जाए तो आईपीसी की धारा 498-ए के तहत मामला बनता है.'
यह फैसला एक शख्‍स की अपील पर सुनाया गया, जिसके ऊपर धारा 498-ए के तहत अपनी पत्नी के साथ क्रूरता बरतने और धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था.
इस जोड़े ने 1989 में शादी की थी. बाद में पति का अपनी सहयोगी के साथ अफेयर हो गया. इसके बाद तथाकथित रूप से पत्नी अलग-थलग महसूस करने लगी और मार्च 1996 में उसने आत्महत्या कर ली.
बेंच ने कहा, 'अदालत ने पाया कि तथाकथित एक्स्ट्रा-मेरिटल रिश्ता ऐसा नहीं था कि वह आरोपी शख्स की पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दे. इसके साथ ही आत्महत्या करने वाली महिला के पति ने कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जो सामान्य परिस्थिति में पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाए.'
अदालत ने यह भी कहा कि अगर साबित हो जाए तो एक्स्ट्रा-मेरिटल अफेयर को गैरकानूनी और अनैतिक करार दिया जा सकता है. लेकिन इस मामले में यह साबित नहीं किया जा सका है कि पति ने पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया.

http://aajtak.intoday.in/story/cheating-husbands-arent-guilty-of-cruelty-unless-it-drives-their-wives-to-suicide-supreme-court-rules-1-741494.html

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