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Tuesday 30 July 2013

पत्‍नी की किचकिच पर हुआ तलाक तो नहीं मिलेगा गुजारा भत्‍ता

पत्‍नी की किचकिच पर हुआ तलाक तो नहीं मिलेगा गुजारा भत्‍ता  

दिल्ली (ब्यूरो)। यदि आप अपनी पत्नी की चिकचिक और अन्य कारणों से परेशान हैं तो आप को यह खबर जरूर राहत देगी। जिसमें मुंबई की एक जिला अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने घरेलू हिंसा कानून के बढ़ते दुरुपयोग के तहत यह फैसला सुनाया है। सूत्रों के अनुसार, 28 अगस्त को अपने दिए गए फैसले में अपर सत्र न्यायाधीश एपी रघुवंशी ने माना कि घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत पत्नी किसी राहत की हकदार नहीं है। मुंबई में अनिल और राधा (परिवर्तित नाम) की 29 अप्रैल, 2002 को हिंदू रीति-रिवाज से शादी हुई थी। विवाह के 15 महीने बाद पति ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1) के तहत क्रूरता के आधार पर बांद्रा में तलाक की याचिका दर्ज की। याचिका में अनिल ने अपनी पत्नी पर झगड़ा करने औऱ अशिष्ट व्यवहार करने का आरोप लगाया। अनिल का कहना था कि पत्नी के बुरे बर्ताव के कारण ही उनके संबंधों में दूरी आई। उसके बाद कोर्ट ने काउंसलरों ने इन दोनों को मनाने की कोशिश की। इस दौरान अनिल का पत्नी राधा ने माना कि वह पति के साथ बुरे व्यवहार करती है। हालांकि दोनों संबंध सुधार के तहत फिर अपनी गृहस्थी में जुट गए। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही अनिल की पत्नी राधा ने उसके मायके से मिले सभी जेवरों को अपने कब्जे में लेकर गुजारे-भत्ते के लिए आवेदन करने के साथ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करा दी। यही नहीं, उसने पति के खिलाफ थाने में भी मामला दर्ज करा दिया। उसने आरोप भी लगाया कि अनिल ने उसकी मां से डेढ़ लाख रुपये लिए हैं। इस पर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पत्नी और बच्चे को प्रति माह तीन हजार रुपये गुजारा-भत्ता बांध दिया। जरूर पढ़ें- पत्‍नी ने 18 साल की युवती से करायी अपने पति की शादी कोर्ट ने राधा की मां से लिए गए डेढ़ लाख रुपये भी लौटाने के आदेश दिए। इस आदेश को चुनौती देते हुए अनिल ने सत्र न्यायालय में गुहार लगाई। सत्र न्यायालय ने अनिल की याचिका स्वीकार कर ली। कोर्ट ने माना कि सुनवाई के दौरान पत्नी आरोपों को साबित करने में विफल रही। लिहाजा, वह राहत की हकदार नहीं है। डेढ़ लाख रुपये लौटाने के संबंध में कोर्ट ने कहा कि यह पति और पत्नी के माता-पिता के बीच का मामला है। इसके लिए सास-ससुर दीवानी का मुकदमा डाल सकते हैं।
http://hindi.oneindia.in/news/2012/08/31/states-mumbai-case-no-maintenance-to-wife-domestic-feud-221269.html

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